कोरोना
कोरोना
मानव को मानव होने का भान कराने आया है,
लड़कर जीना है हम सबको यह ज्ञान कराने आया है।
जिनको जीने का एक सलीका सदियों से ना आ पाया,
घोर अत्याचार धरा पर, मानव ने मानव तड़पाया ,
धर्म बना है साधन फिर, खुद के हित इसने साधे हैं,
आधे मानव के गुण धारें सब आधे पशुता के मारे हैं,
ऐसी बातों से हमको "कोरोना" आगाह कराने आया है,
लड़कर जीना है हम सबको यह ज्ञान कराने आया है।
दूर रहें सब एक दूजे से, पर तार दिलों के जुड़े रहें,
हिन्दू हों या मुस्लिम हों पर मानवता पर हम अड़े रहे,
जीवन जीना भी एक कला है, प्रेम का तुम पान करो,
खिलने आये हो उपवन में, खिलकर सबका उत्थान करो।
हस्त प्रक्षालन की कला से रूबरू कराने आया है,
लड़कर जीना है हम सबको यह ज्ञान कराने आया है।
जो मजहब से कमा रहे हैं, धन धान्य से वे परिपूर्ण रहें,
रहे खजाने भरे धर्म के, मानवता से वो अपूर्ण रहें,
यह बारी उनकी है अब मानवता का वो ध्यान धरें,
समय विकट है, मंदिर मस्जिद धर्म के कुछ तो काम करें।
वेश भले हों भिन्न भिन्न पर सबको एक कराने आया है,
लड़कर जीना है हम सबको यह ज्ञान कराने आया है।