"वो मेरे हिस्से जीती होगी"
"वो मेरे हिस्से जीती होगी"
सावन आया भादों आई कुछ गीत हमेशा याद रहे,
कुछ खट्टे मीठे पल बीते, पल तुम संग बीते साथ रहे,
वो खुशबू मीठी मीठी सी वो बातें छैल छबीली सी,
वो बसंत के पीले पत्तों सी या ठंडी एक पुरवाई सी,
जीवन ऐसे ही चलता है सूरज की भांति ढलता है,
ढलते जीवन के लम्हों में एक लम्हा भीतर पलता है।
ये जीवन की सच्चाई है सब साथी साथ ना पाते हैं,
मिलते हैं एक जुगनू की तरह और फ़ना हो जाते हैं,
ये किस्सा एक कहानी है जीवन का साथ निभाती है,
एक पल की हिस्सेदारी भी साँसों के साथ ही जाती है,
ये तड़प जो दिल में रहती है, आह कहीं उठती होगी,
मैं उसके हिस्से जीता हूँ, वो मेरे हिस्से जीती होगी।