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Vikash Kumar

Tragedy

3  

Vikash Kumar

Tragedy

किलकारी

किलकारी

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बच्चों की इस किलकारी को कब तक संचित कर पाओगे

सरकारों की सरकारी से आखिर कब तक लड़ पाओगे।


मंदिर मस्जिद में बंटकर फिर बच्चों को भी लड़ना होगा,

राजनीति के पाशों पर फिर थिरक थिरक कर चलना होगा।


देश बड़ा है कहने वाले खुद को जमकर चमकाएंगे,

मजदूरों की मेहनत को भी पलक झपकते डकरायेंगे।


इन बच्चों को भी सब सहकर जीवन को तो जीना होगा,

राजनीति के गलियारों में जीवित रहकर मरना होगा।


भगवान करे ये किलकारी भी आशाओं के दीप जलायें,

एक देश के खातिर ये सब दुआ है एक का राग सुनायें,


जो भी बंटने के साधन हैं - धर्म पंथ का नाश करेंगे,

मेरे बच्चे मेरे आगे देश का स्वर्णिम इतिहास लिखेंगे।


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