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Sonam Kewat

Tragedy

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Sonam Kewat

Tragedy

लड़कियाँ आजाद नहीं

लड़कियाँ आजाद नहीं

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भारत तो आजाद हैं मेरा

पर लड़कियां आजाद नहीं

शहीदों का खून हैं इसमें

यूँ करो बरबाद नहीं

क्यों छोटे कपड़े पहनती हैं


क्यों रात में बाहर निकलतीं हैं

क्यों बेखौफ बातें करतीं हैं

सब लड़कियों की ही गलती हैं

चुप हैं इसलिए सब कहते हैं कि

इनकी कोई आवाज़ नहीं


लड़कों के मनमौजी यहां

जो मन चाहे वह करते हैं

कुछ एक होंगे सीधे-साधे

बाकी मनचले भी पलते हैं

क्यों लड़का लड़की के नाम पर

भेदभाव यह होता है


बलात्कारियों की मनमानी से

मासूम दिल ही रोता है

चलो आसिफा तो बच्ची थी

और निर्भया के बातें छोड़ो

कड़वी सच्चाई है दुनिया की

इससे तुम यूं मुंह ना मोड़ो


क्यों कहते हो कि आखिर

यह सब हमारी मजबूरी है

सही कहों तो लड़कों को

अधिकार बताना जरूरी है

सम्मान सिखाना जरूरी है

और हमारे इस भारत को

आजाद बनाना जरूरी है।


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