रोटी
रोटी
रोटी, ये दो शब्द आश है,
कीमत उनसे पूछो जरा,
जो इसके बिन निराश है,
भूखे बच्चों की करुण चित्कार,
विदीर्ण कर देती है,
हृदय को बार-बार,
पेट की आग बूझाने को,
परिवार की आश पूराने को,
कमरतोड़ मेहनत से,
दो वक्त की रोटी कमाता है,
अपनों की भूख मिटाता है,
हर्षित चेहरे देख फिर,
मन -ही-मन मुस्काता है,
खून पसीने बहाकर रोटी,
वह अपनो के लिए ही कमाता है।