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Jyoti Kumari

Abstract

4.2  

Jyoti Kumari

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कोरोना तुमने सिखला दिया

कोरोना तुमने सिखला दिया

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422


हैंड शेक करने वालों को,

नमस्कार करना बतला दिया।

रिश्तों में दूरियाँ थी कभी,

उन्हें संग जीना सिखला दिया।


पुरानी संस्कृतियों को तुमने,

पुनः जीवन बना दिया।

संकट की घड़ी में सुनो,

अपनों की पहचान करा दिया।


उतने भी बुरे नहीं तुम,

लोगों को जिंदादिल बना दिया।

मजदूरों के हौंसलों से,

हमारा परिचय करा दिया।


दुत्कारे जाते थे जो कभी,

उन्हें सम्मान दिला दिया।

हिंदी साहित्य में तुमने,

एक नया विमर्श ला दिया।


सभ्य नहीं रहे तुम फिर भी,

पुरानी सभ्यता से मिला दिया।

नारी के बंदी जीवन को,

अपनो का सानिध्य दिला दिया।


घर पर रहना आसान नहीं,

समस्त विश्व को सिखला दिया।

अपने कालक्रम में तुमने,

अपनों का महत्व बतला दिया।


एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को,

कोरोना तुमने सिखला दिया।


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