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Jyoti Kumari

Classics

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Jyoti Kumari

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अवध में होली मनाए

अवध में होली मनाए

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सिया राम घर लौट के आए,

अवध वासी होली मनाए।


नर-नारी सब धूम मचाए,

पाषाणों में भी प्राण समाए।


रंग गुलाल मुख पर लगाए,

हर्षित चेहरे झूमे, नाचे, गाए।


लाल रंग देखो कपि मन भाए,

प्रभु प्रीत वश बदन लपटाए।


सिया देख मंद-मंद मुस्काए,

प्रीत का ये कैसा रंग हाय।


हनुमत जी ने रंग उठाए,

प्रभु को रंगने दौड़े जाए।


श्रीराम को यह मनसा भाए,

भक्त से प्रभु रंग लगवाए।


सब जन मिलकर अबीर उड़ाए,

श्री रघुवीर हरसि उर लाए।


किस्मत से यह शुभ दिन आए,

राम रंग से देखो अवध रंगाए।



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