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Jyoti Kumari

Others

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Jyoti Kumari

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मैं श्मशान हूँ

मैं श्मशान हूँ

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निर्जन हूँ, वीरान हूँ,

अस्थियों का भंडार हूँ,

मानव जीवन मुक्ति का,

मैं ही खोलता द्वार हूँ,

इहलोक से परलोक का,

जोड़ता मैं तार हूँ,

अग्नि की लपटों का,

न बुझने वाला खान हूँ,

दुर्गंधों से भरा हुआ,

अपवित्र स्थान हूँ,

सड़े हुए नरमुंडों का,

अनोखा खलिहान हूँ,

जीवन की सत्यता का,

एकमात्र आधार हूँ,

अंत में अपनाने वाला,

मैं श्मशान हूँ।


    


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