जैसे अम्मा- बापू के न रहने के बाद पहली बार मायके की देहरी छू के लौटी बिटिया। जैसे अम्मा- बापू के न रहने के बाद पहली बार मायके की देहरी छू के लौ...
अर्थ खो चुके शब्दों सी मेरी कैफियत। अर्थ खो चुके शब्दों सी मेरी कैफियत।
दो नयनों की परिभाषा बन इस अनोखे संसार में। दो नयनों की परिभाषा बन इस अनोखे संसार में।
जिससे बचने के लिए भीड़ भरी जगहों पर जाता हूँ मैं। जिससे बचने के लिए भीड़ भरी जगहों पर जाता हूँ मैं।
अंत में अपनाने वाला, मैं श्मशान हूँ। अंत में अपनाने वाला, मैं श्मशान हूँ।
एक हास्यरस कविता जो फेसबुक पर लड़कियों, महिलाओं और युवतियों को छेड़ने वाले, बदतमीज़ी करने वाले, परेशान ... एक हास्यरस कविता जो फेसबुक पर लड़कियों, महिलाओं और युवतियों को छेड़ने वाले, बदतमीज़...