I'm Jyoti and I love to read StoryMirror contents.
सिया राम घर लौट के आए, अवध वासी होली मनाए। सिया राम घर लौट के आए, अवध वासी होली मनाए।
रंगों की बरसे बौछार, छाए खुशियों के रंग हजार! रंगों की बरसे बौछार, छाए खुशियों के रंग हजार!
मैं सृष्टि का आरंभ हूँ, नर संगिनी बन गौरवमयी, मैं एक नारी हूँ। मैं सृष्टि का आरंभ हूँ, नर संगिनी बन गौरवमयी, मैं एक नारी हूँ।
अंत में अपनाने वाला, मैं श्मशान हूँ। अंत में अपनाने वाला, मैं श्मशान हूँ।
एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को, कोरोना तुमने सिखला दिया। एकता में ही बल, संपूर्ण विश्व को, कोरोना तुमने सिखला दिया।
खून पसीने बहाकर रोटी, वह अपनो के लिए ही कमाता है। खून पसीने बहाकर रोटी, वह अपनो के लिए ही कमाता है।