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Ritu Agrawal

Tragedy Inspirational

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Ritu Agrawal

Tragedy Inspirational

मैं बेटी हूँ

मैं बेटी हूँ

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तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे चुप रहना चाहिए।

तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे सब सहना चाहिए।


तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे हर दर्द सहना चाहिए।

तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे सदा मुस्कान ओढ़े रहना चाहिए।


तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे हर विवाद से बचना चाहिए।

तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे ज़ोर से नहीं हंसना चाहिए।


तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे देर तक नहीं सोना चाहिए।

तुम कहते हो मैं बेटी हूँ,मुझे सबके सामने नहीं रोना चाहिए।


तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, मुझे कुदृष्टि से बचकर रहना चाहिए।

तुम कहते हो मैं बेटी हूँ, पर मुझे बेटा ही पैदा करना चाहिए।


यदि बेटे ही पैदा करते जाओगे तो अगली पीढ़ी में बेटा जनने

के लिए फिर कोख कहाँ से लाओगे ?

फिर कोख कहाँ से लाओगे ?


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