मां
मां
तुझको खोने के बाद तू ज्यादा याद आती है
जब भी अकेले होती हूं
सिर्फ तेरी नाम जवान पे होती है
तुझ बिन ये ज़ींदेगी
मानो बेमतलब लगती है।
जब भी दिल दुखता है
तेरी वो आंचल याद आती है
सर्द हो या गर्मी के मौसम में
सिर्फ तू ही याद आती है।
चोट आने पर तेरी नाम याद आती है
सपने पूरे होने पर भी
तेरी याद साथ होती है।
तुझ बिन ये ज़िंदेगि
मानो नर्क जैसी लगती है
अगर तो होती तो
ये कोई स्वर्ग की तरह लगती थी।
आज में अकेली हूं
भीड़ से दूर कहीं खड़ी हूं
अनजान सहर पर कहीं खो गई हूं
हर पल सिर्फ तुझे हीं पुकारती हूं।
तू जाने के वाद तू ज्यादा याद आती है
तुझ बिन ये जिंदगी बेमतलब
सी लगती है
बेमतलब सी लगती है।