शायर की शायरी
शायर की शायरी
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एक वजह से ही वजह मिल जाती है,
दिल टूटने की सजा मिल जाती है।
गम से भरी दास्ताँ सुनाऊँ तो अक्सर,
ये दुनिया उसे शायरी मान जाती है।।
वः फरमाऊँ तो उस दिल को,
जिसने चोट खाके संभलना सीखा है।
आम ही तो था वो इंसान,
जिसको इस दुनिया ने शायर बनाया है।।
यादों की पन्ने जल के राख हो चुके हैं,
राग भी दिल पे मलहम सा लग चुका है।
उम्मीदें बयां ना होती है आजकल,
दिल से बस धड़कन की आवाज़ सुनाई देता है।।