ख्वाहिश
ख्वाहिश
जो बस ख्यालों में कर ली, आज रुबरु सारी बातें कर लू
आ तुझे गलेसे लगाकर, तुझसे तेरी ही शिकायते कर लू
सब कुछ कह दू तुझे, दिल का बोझ हलका कर दू
दरमियाँ आज नज़्दीकिया बढ़े, दूरियों का किस्सा कल का कर दू
सामने बैठाकर तुझे, आँखों की झील में बहती रहूँ
खामोशी की आड़ में, दिल की बाते कहती रहूँ
निगाहों में बसाकर तुझे, जी भर के तेरा दीदार कर लू
कल का मंजर किसे पता, मैं आज ही मोहब्बत का इजहार कर लू
हाथों में लेकर हाथ तेरा, कुछ लम्हो में कई सदियाँ जी लू
नज़रों से तुम छू लो मुझे , मैं जिंदगी की सारी खुशियाँ जी लू
प्रेम की परिभाषा, चाँद तारों को बता दूँ मैं
रोशनी में तेरी रोशन होकर, पूरी जिंदगी बीता दूँ मैं।