कौन हो तुम...
कौन हो तुम...
कौन हो तुम..?
मेरा सुकून....
तसल्ली..
मेरे दिल का क़रार..
या फ़िर...
मेरी मोहब्बत..?
बोलो कौन हो तुम..?
गीत..
ग़ज़ल..
कहानी..
या
कोई अप्रकाशित उपन्यास
या फ़िर..
कोरा ख़्वाब..!
शायद ...
कोरा ख़्वाब ..!
जो रातभर बन् आँखों में पलता है
और..
नींद टूटते ही गायब हो जाता है..!
कोई अनसुलझी पहेली तो नहीं..?
ख़ैर ..
जो भी हो
तुम्हारे आते ही
इक मृदुल मुस्कान तिर आती है
मिरे ज़ख़्मों पर होले से
स्नेह भरे फाहे धर जाते हो ..!
क्यूँ इंतज़ार रहता है तुम्हारा ..?
आख़िर कौन हो तुम..???