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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

लाल रंग की साड़ी

लाल रंग की साड़ी

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लाल साड़ी में 

जब तुम

मुझसे 

मिलने आती हो

तो मेरा मन

बाग-बाग हो जाता है

अपलक

तुझे और

तेरी खूबसूरती को

निहारने लगता हूं

मेरा उदास मन

जूनून और जोश से

भर जाता है

तन बदन 

खिल उठता है

तुम्हारा यूं लाल

साड़ी में आना

मेरे भीतर

अनंत हिलोरे

पैदा कर जाता है

अच्छा लगता है

बहुत ही अच्छा लगता है

तुम्हे लाल साड़ी में

देखते ही रहना।


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