युद्ध नहीं अमन चुनो
युद्ध नहीं अमन चुनो
नीर क्षीर विवेकी हंस,
देता सदा शांति संदेश,
वार्ता से निकालो हल,
छोड़ो द्वेष, दंभ, रंज क्लेश....
निर्जीव देह, रक्तरंजित त्राण
युद्ध तो केवल हरते प्राण,
शांत चित्त बनो, उन्मुक्त रहो,
तोड़ो रंजिशों के विषैले बाण....
कहता धवल यह हंस सुनो,
वार्ता कर नवल संबंध बुनो,
अहिंसा धर्म ही सर्वोपरि,
युद्ध नहीं अमन चुनो.…...
