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Nirdosh Jain

Classics

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Nirdosh Jain

Classics

हमको भी यारो जाना तुमको भी यारो जाना

हमको भी यारो जाना तुमको भी यारो जाना

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हमको भी यारो, जाना, तुमको भी यारो जाना, 

तू माटी का है पुतला, माटी में है मिल जाना।


कब किसको यारो जाना, ये कोई ना ठिकाना, 

हमको भी यारों जाना, तुमको भी यारो जाना।


कब किस के कंधे, किसका जनाजा है जाना , 

ये कोई नहीं जाना, ये कोई नहीं जाना।


जब मौत ने पुकारा कुछ भी ना काम आया, 

 मरते हुए कॊ यारों, कोई ना बचा पाया।


ये दौलत और अटारी, सब यहीं रह जाना, 

है खाली हाथ जाना, है खाली हाथ जाना।


 ये बेटा, बेटी,बीवी, कोई ना साथ जाना, 

 अकेला "निर्दोष" आया, अकेला ही जाना।


तू माटी का पुतला, माटी में है मिल जाना, 

मुट्ठी बांधे आया, हाथ पसारे जाना।


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