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Nirdosh Jain

Classics

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Nirdosh Jain

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मरना है तो मरो वतन के वास्ते

मरना है तो मरो वतन के वास्ते

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क्यों मर रहे हो तुम, सत्ता के वास्ते 

क्यों लड़ रहे हो तुम, कुर्सी के वास्ते 

क्यों मर रहे हो तुम, धन के वास्ते 

मरना है तो मरो , वतन के वास्ते। 

  

करना है तो करो, गौ वंश के वास्ते 

लड़ना है तो लड़ो, गौ वंश के वास्ते 

कुछ शर्म तो करो, कुछ धर्म तो करो 

 गौ माता के लाल पर,रहम तो करो।

 

गौ माता के आँसू कभी व्यर्थ नहीं जाते 

कभी बाढ़, सूखा बीमारियों का आलम 

 कभी वंश के वंश खत्म होजाते 

गौ माता का प्रकोप हम समझ नहीं पाते।


 अहिंसा क्रांति का अब बिगुल बजा दो 

  सत्ता के दरबारों में हलचल मचा दो 

  गौ मांस का व्यापार बंद करवा  दो 

  जन -जन की पुकार दिल्ली पहुँचा दो।


गौ वंश पर अत्याचार, हिंदुस्तान ना सहेगा 

गौ माँस का व्यापार, बंद होकर रहेगा  

"लक्ष्य " देश में फिर ये इंकलाब उठेगा 

गौ माता का अपमान हिंदुस्तान ना सहेगा ॥ 


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