इश्क़ ने मुजरिम बना रखा है !
इश्क़ ने मुजरिम बना रखा है !
जिन्हें बताना चाहिए उन्हीं से छुपा रखा है
इस इश्क़ ने जैसे हमें कोई मुजरिम बना रखा है !
जिनके यादों ने दिल में महफ़िल सजा रखा है
जिनके बातों ने जैसे एक नज़्म बना रखा है।
इस इश्क़ ने जैसे हमें कोई मुजरिम बना रखा है !
जिनके ख़्वाबों ने हमें जीना सीखा रखा है
जिनके उल्फत ने हमें भी मोहब्बत सीखा रखा है।
जिन्हे बताना चाहिए उन्हीं से छुपा रखा है
इस इश्क़ ने जैसे हमें कोई मुजरिम बना रखा है !

