Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mukesh Chand

Classics

4.0  

Mukesh Chand

Classics

रावण

रावण

1 min
280


रावण परम ज्ञानी था

पर अभिमानी था।

शिव को उसने पाया था

अपना शीश चढ़ाया था

हर किसी ने उसको माना था

उसकी ताकत की सबने जाना था

रावण परम ज्ञानी था

पर अभिमानी था।

उसने सबका आशीष पाया था

केकैयी ओर विश्रवा का पुत्र कहलाया था

देवी सती को उसने जगाया था

तभी तो वो राक्षस कहलाया था।

रावण परम ज्ञानी था

पर अभिमानी था

देवी सती सीता रूप में आई थी

उसका काल साथ मे लाई थी।

सबने उसको समझया था

मगर अभिमानी कहाँ समझ पाया था।

रावण परम ज्ञानी था

पर अभिमानी था

उसने त्रिलोक जीत के दिखया था

एक स्त्री के कारण सब गंवाया था

अपने भाइयों ने समझया था

अपना अस्तित्व गंवाया था।

रावण परम ज्ञानी था।

पर अभिमानी था

श्री राम ने भी माना था

उनकी शक्ति और ज्ञान को जाना था

अंत मे लक्ष्मण को समझया था

रावण से ज्ञान लेने भिजवाया था।

रावण परम ज्ञानी था

पर अभिमानी था ।


Rate this content
Log in