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Dr. Shubhra Maheshwari

Classics Inspirational

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Dr. Shubhra Maheshwari

Classics Inspirational

"अनुबंध करते हैं "

"अनुबंध करते हैं "

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आओ चलो एक अनुबंध करते हैं।

देखो चलो एक तटबंध करते हैं।


मिले सभी को दो जून की रोटी,

कुछ ऐसा भी प्रबंध करते हैं।


निबाला हर किसी देंने का प्रबंध करते हैं।

कोई न तरसे अब इस संसार का प्राणी।


चलो सबका साथ सबका विकास हो

आओ रोटी के टुकड़े का ही अनुबंध करते हैं।


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