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Dr. Shubhra Maheshwari

Action Classics

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Dr. Shubhra Maheshwari

Action Classics

मिट्टी की गंध

मिट्टी की गंध

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मिट्टी की गंध

मिट्टी गमले की हो या फिर मैदान की 

मिट्टी मिट्टी होती है 

इसका सोंधापन एहसास कराता है अपनेपन का।


मिट्टी से जब मटका बनता है तो प्यास मिटाता है 

और जब हुक्का बनता है तो जला देता है।

मिट्टी गमले की हो या फिर मैदान की

मिट्टी मिट्टी होती है।


मिट्टी की खुशबू

मन को महका देती है

मुदित कर धरा को 

देशभक्ति भी जगा देती है।


मिट्टी मिट्टी होती है

मिट्टी हो गमले की या हो मैदान की

इसका सोंधापन होंठों पर हंसी ला देता है

 मिट्टी जब हो मेरे देश की।


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