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Dr. Shubhra Maheshwari

Abstract Inspirational Thriller

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Dr. Shubhra Maheshwari

Abstract Inspirational Thriller

फूल तुम्हें भेजा है खत में

फूल तुम्हें भेजा है खत में

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फूल तुम्हें भेजा है खत में

खत में केवल फूल नहीं मेरा स्वाभिमान है।


मेरा वजूद, मेरा सर्वस्व और मेरा ईमान है

भेजकर फूल खत में एहसास कराया है।


नारी तो हूं पर हृदय में मेरे भी अभिमान है

मैं भी चहुंओर खुश्बुयें बिखेर सकती हूं।


मन में तरंगें औ जीवन में रंग बिखेर सकती हूं

फूल भेजकर खत में तुम्हें प्रियवर!बताना है,

मैं निर्बल नहीं, खत सी खुशियां भी बिखेर सकती हूं।


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