असंभव
असंभव
असंभव है प्रेम पत्र
स्याही-कलम-कागज़ के बिना
रक्त रंजित ख़त लिख दूँ !
अपनी त्वरित जलन पीड़ा जानकर
सिर्फ तेरे नाम के पतें पर भेज दूँ !
दूत-सखी-मित्र के बिना
वोट्सअप-फेसबुक-ट्विटर पर देख ले तू
एहसासों का अनगिनत भाव
शीघ्र हृदय से पढ़ ले तू
समुद्र से गहरी मेरी चाहत।