कटीं हुई पतंग
कटीं हुई पतंग
तू आसमां में कटी हुई पतंग
मैं धरा का दिल फैंक लूटेरा
तेरी चाहत में ऐसा भागा
न दाएं देखा, न बाएं देखा
न आगे देखा, न पीछे देखा
देखी तो सिर्फ तेरी ड़ोर
दूर-दूर तक नजरें फैलाकर ,
आंखों को जोड़ता रहा
सांसों को मोड़ता रहा
कदमों को तोड़ता रहा
धड़कन से तेज़ आगे
न होश रहा, न जोश रहा
बस तुझे पाने की चाहत में
मैंने खुद को भूला दिया ।