क्षणिका
क्षणिका
छोटी छोटी बातों में
रूठ कर जाना उसका
दौड़कर मनाना मेरा
कितना प्यारा संगम है ,
हृदय से हृदय तक
श्वास से श्वास तक
केवल तुम्हें....,
जोर-जोर से पुकारना !
अंतःकरण की आवाज तक
पुनः मिलन की आस तक ।
छोटी छोटी बातों में
रूठ कर जाना उसका
दौड़कर मनाना मेरा
कितना प्यारा संगम है ,
हृदय से हृदय तक
श्वास से श्वास तक
केवल तुम्हें....,
जोर-जोर से पुकारना !
अंतःकरण की आवाज तक
पुनः मिलन की आस तक ।