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Vasudeo Sao 'vrind'

Abstract

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Vasudeo Sao 'vrind'

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दीपावली -अभिनंदन **********

दीपावली -अभिनंदन **********

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दीपमालिके

यह मेरा वंदन ,

अभिनंदन -अभिनंदन।


दीप पर्व आया है 

पुलकित है मन, 

नतेमस्तक हो,  

सदा अभिनव वंदन।


जैसे दीपक और बाती, 

वैसेे धागा और मोती,

हरित हुई यह धरती 

सरस हृदय हंसती।


हर मन में आया है उमंग,

जन -गण मन, 

यह मेरा वंदन। 

अभिनंदन -अभिनंदन।


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