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Maitreyee Kamila

Abstract

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Maitreyee Kamila

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कोणार्क

कोणार्क

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है कोणार्क

भग्न शिला पर पुनर्जीवित है 

कला की तपस्या

चंद्रभागा तीर पर

उत्कलिय संस्कृति के गौरब गाथा लिये।


सारा विश्व विस्मित है

पत्थर पर 

सूर्यदेव के रथ को लेकर

कुछ मूर्ति आज भी सुना रहे हथोड़ा के शब्द पर

लिखी हुई कलाकार के जीवन गाथा।


आज भी  शीवेई सांतरा,

बिशुमहारण के साथ साथ इस जाति ब्याथित है

धरमा के बलिदान पर

कोणार्क मंदिर नहीं


उपासना स्थल है,

यहाँ सुप्त नहीं

पत्थर मूर्त्तिया,

इतिहास के पन्ने है सहनशीलता पर बने आकृति है

एक जाति के समृद्धसाली ऐश्वर्य है।


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