चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी चिड़िया रानी
आज क्यूं मौन
डाली पर बैठे बैठे
किस बात की सोच
आसमान पर उड़नेवाला
दाना चुन कर ले आओ
घने जंगल के ओर जाओ
कुछ खुशियां दे आओ
मैदान खाली सुना है झूला
घर पर कैद इस्कुल में ताला
नहीं मिलेगा तुमको आज
बच्चो का स्वर निराला
खिड़की से झांक देखे दुनिया
मुन्नी मेरी खेले गुड़िया
कभी गलती से आ जाना
चिं चीं कर घर अंगना पर
मीठी दो बोली बोल जाना।