चांदनी रात
चांदनी रात
आज जी लूं जी भर के
हो जाऊं बे फिक्र
तुझे देख कुछ पल मैं झूम लूं
खामोशी से बात कर लूं
तस्वीर बन बैठूं
चुराकर तुझसे ये रात
ओढ़ लू माथे पर
ए चांदनी
तू आते जाते रहना
कभी छुप के बादल से
या उतर कर परी कथा से
बस तू आना
तेरे आने से
महक उठे मेरा घर आंगन!