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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Romance

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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Romance

"कुदरत का अनमोल उपहार हो तुम।"

"कुदरत का अनमोल उपहार हो तुम।"

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मेरे लिए मेरी राहत भी तुम हो मेरी चाहत भी तुम हो,

मेरे लिए मेरी बंदगी और मेरी इबादत भी तुम हो।

फिजाओं को महेकाती खुशबू भी तुम हो,

जुगनू बन के मेरी रातों को चमकाती भी तुम हो।

मेरे लिए तो खूबसूरत मौसम भी तुम हो,

मेरे लिए तो महकती फूलों की फोरम भी तुम हो।

मेरे जीवन सागर का किनारा भी तुम हो,

मेरे आशाओ का ऊंचा मीनारा भी तुम हो।

मेरे जीवन के आसमा का सितारा तुम हो,

मेरी खुशियों का पिटारा भी तुम हो।

मेरे लिए कुदरत का अनमोल उपहार तुम हो,

ईश्वर की और से मिला कीमती पुरस्कार भी तुम हो।



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