बदलता मौसम
बदलता मौसम
कुछ तो कर कम अगन तेरी
तप रही रूह मेरी
सह ना जाए विरह का मौसम
कम हो रही सांस मेरी
क्या है रजा ये तो बता दे अब तेरी
बंद न हो जाएं आंख मेरी
गर बदलता है मौसम मंजिल तेरी
तो बदलते हम भी राहें अपनी
पर करू ये दुआ मिटे दूरी मेरी तेरी
आ फिर जोड़ लें हम कड़ी तेरी मेरी।

