कुछ पल
कुछ पल
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कुछ पल तो ठहरते हैं अश्क
आंखों में बहने से पहले
कुछ दर्द समेटे कुछ याद में लिपटे
गालों पे बहते आंखों के रस्ते
गिले शिकवे करते तो कभी इजहार
अश्कों के होते अफसाने हजार
हर पल की दास्तां करते बयां
आंखों में छुपे रहते हैं सदा
किसी के हंसाने की किसी के
सताने की कीमत चुकाते अश्क सदा
कुछ पल ...
