STORYMIRROR

S N Sharma

Romance

4  

S N Sharma

Romance

याद बहुत आते हो

याद बहुत आते हो

1 min
380

तुम मुझे याद बहुत, याद बहुत आते हो।

मेरा नसीब हो क्यों इस तरह सताते हो।

जब भी पलके मैं बंद करती हूं।

बंद आंखों में नजर आते हो।

मुझसे बातें ना कर वफा या बेवफाई की।

मेरे तसव्वुर में तुम ही तो चले आते हो।

नीले आकाश में बादल बनाते अक्स कई।

हर अक्स में बस तुम ही नजर आते हो।

हया ओ शर्म से नजरें जो मेरी झुकती हैं।

हाथ की लकीरों में तुम ही तो मुस्कुराते हो।

लोग कहते हैं कि मैं दीवानी हो गई हूं।

एक तुम ही तो हो जो दीवानी बनाते हो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance