नयना कजरारे
नयना कजरारे
झनक झनक कर है,
पायल बजती,
ठुमक ठुमक कर जो,
गोरिया चलती,
तीखे उसके नयना कजरारे,
गाल गुलाबी है बड़े प्यारे।
नयनों से है वो तीर चलाती,
मारे जाते प्यार के खैराती,
पतली कमरिया पे वो इठलाती,
हिरनी जैसी चाल वो चलती।
उसके पीछे है लगे परवाने,
सभी बन गए है उसके दीवाने,
अल्हड़ सी वो जब खिलखिलाती,
बड़े बड़े हैं आहें भरते।
चंचल नयना मन है चितवन,
फिर भी लगती सबको सुमन,
लहराती है जब रेशमी जुल्फें,
रुक जाती है सबकी धड़कन।