मेरी प्रेम कहानी
मेरी प्रेम कहानी
जब मैंने उससे कहा कि,
तुम मेरी जिंदगी में सबसे बड़ा उपहार हो।
तभी वो ज़रा सा मुस्कुराई और बोली क्यों क्या बात है,
जो आज तुम्हें लगा कि मैं तुम्हारी जिंदगी में खूबसूरत उपहार हूं।
तो मैंने बोला कि,
कई बार मैंने देखा है लोगों को मोहब्बत में इस बात लड़ते हुए की उनके रिश्ते को इतने दिन हो गए हैं पर वो अभी तक जिस्म के रिश्ते में नहीं आए और वो लोग सिर्फ इसलिए अपने प्यार के रिश्ते को तोड दिया करते है,
वो बोली तो तुम्हे क्या लगता है,
प्यार के रिश्ते में क्या जरूरी है।
मैंने बोला कि,
मुझे ये तो नहीं पता कि प्यार के बारे सबकी सोच कैसी है। पर आज मैं
ने तुम्हे अपनी एक छोटी सी सोच बताता हूं।
प्यार का रिश्ता उस डब्बे में बंद उपहार की तरह ही होता है,
जिस उपहार को हर कोई देखना चाहता है वो जब तक उपहार को देख नहीं लेता हर पल उपाहर को देखने की उसकी इच्छा बढ़ती रहती है, लेकिन जैसे ही वो उपहार को बंद डिब्बे से बाहर निकाल के देख लेता फिर वो कभी भी उपहार को वापस उसी डब्बे में बंद नहीं करता है घर के किसी हिस्से में रखकर भूल जाता है ठीक वैसे ही जैसे सिर्फ एक बार रूह का रिश्ता अगर जिस्म का हो जाए तो वो फ़िर कभी रूह को याद भी नहीं करता है।
तो वो फ़िर बोली अच्छा तो इसलिए तुमने मुझे तुम्हारी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत उपहार बोला है।