बावरा मन....
बावरा मन....
तुम कोई पाइनेप्पल केक तो नहीं
या फिर कोई वनीला आइसक्रीम
जिसे देखते ही मन खुशी से भर जाए
तुम कोई रेड चेरी लिपस्टिक तो नहीं
या के कोई बनारसी साड़ी जिसे पाने
को मन लालायित हो उठे.....
तुम तो मेरे लिए हो मटके का ठंडा जल या
फिर बांस का बना हुआ पंखा जिसे झलने
पर चेहरे का पसीना सूख जाता है.....
तुम्हें देखकर सांसें नहीं रूकती वो तो
चलने लगती है ये देखकर कि तुम हो
मेरे पास हो, मेरी जिन्दगी में हो....
तुम पास होते हो तो लगता हैं कि मैं
कितनी अमीर हूं, तुम हो तो मैं तृप्त
हूं, संतुष्ट हूं, पूर्ण हूं, खुश हूं...
तुम मेरे साथ दिन रात तो नहीं रह सकते
लेकिन मैं तुम्हारे बिन जीने का सोच भी
नहीं सकती, क्या करूं बावरा मन है मेरा..!!

