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Saroj Verma

Comedy

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Saroj Verma

Comedy

क्रेजी फाँर गोलगप्पा...

क्रेजी फाँर गोलगप्पा...

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तुम तो हो बचपन का प्यार मेरा,

तुमने ही तो सजाया था संसार मेरा,

जब भी देखती थी तुम्हारी सुहानी सी सूरत

मुझे लगता था कि तुम हो मेरी जरूरत,

तुम्हारी वो भीनी भीनी खुशबू कैसी थी वो ताजगी

गोल मटोल चेहरा और एक अजब सी सादगी,

उम्र के साथ साथ मेरा तुमसे प्यार बढ़ता ही गया

प्यार का ये फूल दिन-ब-दिन खिलता ही गया,

तुम्हें याद है जब तुम शाम को गुजरते थे

मेरी गली से, मेरे दिल के सुकून बस तुम्ही थे

तुम्हारा वो कड़कपन, तुम में भरा वो तीखा पानी,

तुम्हें खाके आ जाती थी मुझे याद नानी,

तुम मेरी जिन्दगी से कभी मत जाना,

साल दर साल ये रिश्ता यूँ ही निभाना,

दिल मेरा जो तोड़ा, ये रिश्ता जो तोड़ा,

मुझे यूँ तड़पता जो रास्ते में छोड़ा,

तुम जो चले गए तो तुम बिन ना जी पाऊँगी,

कसम खाके कहती हूँ कि चाट के ठेले पर जाके मर जाऊँगी,

सभी गोलगप्पा प्रेमियों को राम राम


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