कठोर हो निकला मैं, इतना कठोर कि अग्नि- पुत्र से मैं अग्नि- पिता बन चला कठोर हो निकला मैं, इतना कठोर कि अग्नि- पुत्र से मैं अग्नि- पिता बन चला
निर्धन हो तुम पर है पास तुम्हारे सुनहरी नींद की संपदा ओह, कितने तुम संतुष्ट ! निर्धन हो तुम पर है पास तुम्हारे सुनहरी नींद की संपदा ओह, कितने तुम संतुष...
तो हम जानते हैं हर पल कितना कीमती है तो हम जानते हैं हर पल कितना कीमती है
ज्ञान नहीं छंदो का भावों के संग बात कहती हूं ज्ञान नहीं छंदो का भावों के संग बात कहती हूं
हाथ बार बार धो लो साफ सफाई कर लो घर में क़ैद होकर जी लो कुछ दिन जान है तो जहां है हाथ बार बार धो लो साफ सफाई कर लो घर में क़ैद होकर जी लो कुछ दिन जान है तो जहा...
एक संतुष्ट जीवन दूसरों की तुलना में एक सफल जीवन से मापा जाता है। क्योंकि हमारी सफलता को हमारी अपनी... एक संतुष्ट जीवन दूसरों की तुलना में एक सफल जीवन से मापा जाता है। क्योंकि हमारी...