कुछ अधूरी कुछ पूरी , भीनी ओस की बूँदों सी । अनकही रूखी आवाज , कुछ अधूरी कुछ पूरी , भीनी ओस की बूँदों सी । अनकही रूखी आवाज ,
हाथ बार बार धो लो साफ सफाई कर लो घर में क़ैद होकर जी लो कुछ दिन जान है तो जहां है हाथ बार बार धो लो साफ सफाई कर लो घर में क़ैद होकर जी लो कुछ दिन जान है तो जहा...