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Kamni Gupta

Romance

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Kamni Gupta

Romance

लिखता कैसे...

लिखता कैसे...

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दर्द तो दर्द था उसे मरहम लिखता कैसे।

तुम्हारी बेवफाई की नज़्म लिखता कैसे।


वो जो कहते नहीं हमें अपना अब तलक, 

उनके लिए यहां मैं से हम लिखता कैसे।


आज जो पूछा है ये सवाल तो कह देता हूं,

अजनबी को खुद से ही सनम लिखता कैसे।


मेरे बारे में सोचोगे तो जान लोगे इक रोज़,

गैर नहीं तुम्हारे जवाब को वहम लिखता कैसे।


ज़िन्दगी है कभी तो पलट कर आएगी वापिस,

बरसों के इंतजार को तेरे कर्म लिखता कैसे।


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