Kamni Gupta

Abstract

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Kamni Gupta

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अब कहता कौन है....

अब कहता कौन है....

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तुम कहो मैं सुनता हूँ...

अब कहता कौन है।


अपनों की कड़वी बातें...

अब सहता कौन है।


तुम प्यार की बात करते हो...

अब अमर प्रेम करता कौन है।


तुम दर्द छुपा मुस्कराते हो...

अब ये सब समझता कौन है।


कभी यादें स्मरण हो गई जो.....

अब यादों को याद रखता कौन है।


चलो सब भूल हम आगे बढ़ जाते हैं....

अब संग चलने को तरसता कौन है।



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