मुझे खबर नहीं हैं
मुझे खबर नहीं हैं
चार्जर पर फोन और फोन पर
कान लगाए हुए कब से खड़ा हूं
तुम रखना चाहती हो लेकिन
मैं बात करने की जिद्द पे अड़ा हूँ
लोग मुझे देख कर हँस रहे हैं पर
मुझे कुछ खबर ही नहीं है
आजकल लोगों से नहीं फोन से
ज्यादा लगाव हो गया है
सुना है मैंने बहुत बार इन दिनों कि
बदला सा मेरा हाव-भाव हो गया है
आस पास क्या हो रहा है
मुझे कुछ खबर ही नहीं है
तुम चार बजे मिलने को कहो तो
मैं तीन बजे ही पहुंच जाता हूं
तुम पूछती हो कहां पहुंचे तो
दो मिनट में आने का बहाना बताता हूं
सब कहते हैं तुम बदल रहे हो
पर मुझे खबर ही नहीं हैं
अब काम करता कहां हूं बस
तुम्हारे यादों में खोया रहता हूं
कोई पूछे क्या हुआ आजकल
मैं कुछ भी नहीं कहता हूं
काम वैसे ही पड़ा रहता है
पर मुझे खबर ही नहीं है
मैं तुम्हारा होने लगा हूं और
तुम अब मेरी होने लगी हो
अपनापन सा है जब से तुम
मुझे खोने के डर से रोने लगी हो
तुम्हें पाकर खुद को खोने लगा हूँ
पर मुझे कुछ खबर ही नहीं है

