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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Romance

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नमिता गुप्ता 'मनसी'

Romance

जरूरी है खो जाना भी..

जरूरी है खो जाना भी..

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हम-तुम खो जाएंगे एक दिन ऐसे

जैसे देखते-ही-देखते

ओझल हो जाते हैं तारे

और वो इंद्रधनुष भी..


जैसे पेड़ों से उनका हरापन..


जैसे खो जाते हैं सपने

वास्तविकताओं के सख्त धरातल पर..


जैसे हमारे सवाल

जवाबों की प्रतीक्षा करते हुए..


जैसे खो जाती हैं सभ्यताएं और लिपियां

नये आविष्कारों में..


और..

जैसे खो जाती हैं हमारी भावुक कविताएं

तर्कों के जंगल में..


जरूरी है "खो" जाना भी

फिर से "मिलने" के लिए

..और यही है आत्मिक प्रेम !!



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