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Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

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Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

नज़र

नज़र

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तुझे ढूंढती हर जगह अब नज़र है 

मुहब्बत में तेरी घायल ये जिगर है 


मिले चैन दिल को मिले जो मुझे तू 

तुझे ढूँढ़ती हूँ दिलबर हर नगर है 


वफ़ा फूल इनकार कर ले वहीं अब 

मुहब्बत कि भेजी उसे जो ख़बर है


कभी फ़ासिला तू नहीं करना मुझसे 

सदा चलना बनकर वफ़ा हर डगर है 


ख़फ़ा छोड़ दे होना यूं दिलबर मेरे 

मुहब्बत कि कर ले तू बातें मगर है 


मैं तेरे लिये छोड़ दूं रिश्ते नाते 

मुहब्बत तुझी से मुझे इस क़दर है 


कभी साथ तू गीत का छोड़ना मत 

निभाना सदा तू वादा ए दीगर है।



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