हम आएंगे तो..
हम आएंगे तो..
जब तप जाओगे तुम
समय के अवरोधो से
तुम्हारे आस-पास
धधक रही होगी लू,
सिकुड़ जाएंगे सारे वृक्ष,
अनाथ हो जाएंगे जंगल,
सूख जाएंगी सारी नदियां,
समुद्र भी फेर लेगा मुंह ,
..बनकर बूंदें बरस जाएंगे हम
बस, देना वचन
कि बनने देना पानी से "पानी" ,
सुनो..हम आएंगे तो !!
जब भी थक जाएं तुम्हारे शब्द चलते-चलते
न रहे बाकी उनमें
भावनाएं.. संवेदनाएं..
छूट गये हों पीछे कहीं
उद्देश्य उनके ..
..हम फिर से देंगे एक सोच नई
बिखरा देंगे कविताएं ,
.. और आयाम नये-नये ,
बस, पहचान लेना
हम होंगे तुम्हारी मौलिकताओं में ही ,
यहीं-कहीं
सुनो..हम आएंगे तो !!

