तुम वो तो नहीं
तुम वो तो नहीं
तुमको देखा लगा सब हमें मिल गया,
जो मुरझाया मन था आज फिर खिल गया,
थे सपने पुराने फिर से आँखों में हैं,
जो दिन थे सुहाने आज फिर यादों में हैं,
तुम वो तो नहीं फिर क्यों ऐसा लगा,
तुमको देखा लगा सब हमें मिल गया।
वो गलियां जिन्हें छोड़ आए कभी,
आज फिर से हमें वो बुलाने लगी,
बरसों से पतझड़ रहा जिस जगह,
वो फूलों से देखो महकने लगा,
तुम वो तो नहीं फिर क्यों ऐसा लगा,
तुमको देखा लगा सब हमें मिल गया।
मुझको रिश्ता ये तुमसे पुराना लगे,
कई सदियों का ये तो फ़साना लगे,
कुछ तो अलग सी बातें हुई,
ऐसा कभी ना हुआ जो हुआ है अभी,
तुम वो तो नहीं फिर क्यों ऐसा लगा,
तुमको देखा लगा सब हमें मिल गया।
मैं वो तो नहीं पर तुम मूरत वही,
जो बरसों से मेरे ख़्यालों में थी,
कई सदियों का रिश्ता ये ऐसे बना,
की हर पल मेरी तुम दुआओं में थी,
मैं वो तो नहीं पर तुम मूरत वही,
जो बरसों से मेरे ख़्यालों में थी।
मेरी धड़कन में थी तुम ही ख़्वाबों में थी,
मैं जहां भी गया तुम ही साँसों में थी,
मैंने जितने भी रास्तों में रखा कदम,
बस तुम ही खड़ी सारी राहों में थी,
मैं वो तो नहीं पर तुम मूरत वही,
जो बरसों से मेरे ख़्यालों में थी।
मैंने ख़्वाबों में महलों को ऐसे सजाया,
फूलों से सींचा था गुलशन बनाया,
उन फूलों ऐ अब तुम महकने लगी,
बीता पतझड़ हवाएं ये चलने लगी,
मैं वो तो नहीं पर तुम मूरत वही,
जो बरसों से मेरे ख़्यालों में थी।।