सज-धज कर मैं राह निहारूँ, रोज लेट तुम आते हो; बिना मुझे तुम प्यार किए ही,अब तो घर से सज-धज कर मैं राह निहारूँ, रोज लेट तुम आते हो; बिना मुझे तुम प्यार किए ही,अब त...
भले ही मैंने इन्हीं आँखों से देखा, तुझे किसी और का होते हुये, भले ही मैंने इन्हीं आँखों से देखा, तुझे किसी और का होते हुये,
वो गलियां जिन्हें छोड़ आए कभी, आज फिर से हमें वो बुलाने लगी, वो गलियां जिन्हें छोड़ आए कभी, आज फिर से हमें वो बुलाने लगी,
तूने ही तो मुझको था मुझसे मिलाया, अब ऐसा क्यों, जो तू इतना मुरझाया I तूने ही तो मुझको था मुझसे मिलाया, अब ऐसा क्यों, जो तू इतना मुरझाया I
उतर के बादल आसमान से, जैसे धरती पर आ जाता है। उतर के बादल आसमान से, जैसे धरती पर आ जाता है।