STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Drama Romance Tragedy

2  

Rajit ram Ranjan

Drama Romance Tragedy

मै तेरे पापा का दामाद नहीं हुआ

मै तेरे पापा का दामाद नहीं हुआ

1 min
147

हाँ मुझे तकलीफ होती है, 

ज़ब भी तुझे नाराज़ देखता हूँ, 

रोता हूँ मैं भी अक्सर तन्हाइयों में,

ये बात और है कि तुझे दिखाता नहीं हूँ, 

तुझे परियों जैसी ख़ुशी देता, 

जानती हो एक कमी आज भी खलती है मुझे, 

कि मैं तेरे पापा का दामाद नहीं हुआ..!


भले ही मैंने इन्हीं आँखों से देखा, 

तुझे किसी और का होते हुये, 

किसी और के नाम कि मेहंदी रचाते हुये, 

सिंदूर लगाते हुये, 

ग़म नहीं हुआ मुझे, 

मगर आज इस खिले हुये चेहरे को

मुरझाया देखकर, 

बहुत तकलीफ़ होती है, 

जानती हो एक कमी आज भी खलती है मुझे, 

कि मैं तेरे पापा का दामाद नहीं हुआ...!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama